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Thursday, January 11, 2024

एक किसान और उसके पोते की कहानी !! Motivational Stories

एक किसान और उसके पोते की कहानी –

एक बार की बात है एक लड़का स्कूल की छूटियों में अपने दादा से मिलने गाँव गया वो अपने दादा जी के साथ गाँव घूमता और खेतों में काम करने के लिए भी जाता

एक दिन वो लड़का अपने दादा के साथ खेत में काम करने के लिए गया हुआ था तो दादा ने उससे शरत लगाई की चलो देखते है की खेत की जमीन को फसल की बुवाई के लिए कौन पहेले तैयार करता है

एक किसान और उसके पोते की कहानी

उन दोनों ने खेत की आदी – आदी जमीन बाँट ली और जमीन को नई फसलों की बुवाई के लिए तैयार करने लगे वो दोनों मिटी को खोद कर उसे पलट उसकी गाँठो को तोड़ रहे थे ताकि वो फसल की बुवाई के लिए तैयार हो जाए

दादा जी जिनकी उम्र 65 साल की थी वो बिना रुके और बिना किसी शिकायत के अपना काम कर रहे थे लेकिन वो लड़का जिसकी उम्र 17 साल थी वो अपने काम में बहुत शिकायत कर रहा था

वो बार बार रुक कर आराम कर रहा था और कह रहा था की कितना मुश्किल काम है लेकिन उसके दादा जी बिना रुके और बिना थके काम कर रहे थे

फिर जब शाम हुई तो लड़का देखता है की दादा जी ने अपने हीसे की सारी जमीन की बुवाई कर ली है और उनके हीसे की जमीन अब फसलों की खेती के लिए तैयार है लेकिन उसके हीसे की जमीन में अभी आधी जमीन का भी काम पूरा नहीं हुआ था

वो लड़का बहुत हैरान होता है की दादा जी ने इस उम्र में भी उससे ज्यादा काम कैसे कर लिया वो दादा जी के पास जाता है और उनसे पूछता है की अपने इतनी उम्र में इतना काम कैसे किया

तो दादा जी ने जवाब दिया की जब भी हम सोचते है की काम कितना मुश्किल है या फिर अभी कितना काम पड़ा है तो हमारा मन बहाने बनाने लगता है

इन सभी बातों के बारे में सोचना ही हमारे काम को और ज्यादा मुश्किल बना देता है इसलिए समझदारी इसमे ही है की हमे अपने तय की हुए काम के बारे में ज्यादा सोचना नहीं चाहिए और उस काम को करते रहना चाहिए

Monday, December 18, 2023

एक अध्यापक का अपने विद्यार्थियों पर विश्वास (Comedy Story)

एक अध्यापक का अपने विद्यार्थियों पर विश्वास (Comedy Story):-
एक बार अमेरिकी प्लेन बनाने वाली कंपनी बोइंग ने अमेरिकी एरोनॉटिकल साइंस के प्रोफेसर्स को फ्री हवाई यात्रा का न्योता दिया। सारे अध्यापक पहुंच गए और प्लेन में जाकर बैठ गए।

जब प्लेन का दरवाजा बंद हो गया तब पायलट ने अनाउंस किया की सभी सज्जनों की सूचित किया जाता है की यह प्लेन आपके द्वारा पढ़ाए गए छात्रों द्वारा बनाया गया है। जो पिछली साल ही पास हुए थे। और आज इस प्लेन की पहली टेस्टिंग उड़ान है। क्या आपको गर्व महसूस हो रहा है ?

ये सुन के अध्यापकों के पसीने छूट गए। सब आनन फानन में सीट बेल्ट खोल के उतरने को भागे। उतरने के लिए प्लेन में भगदड़ मच गई। लोग चीखने पुकारने लगे की नीचे उतारो। लेकिन एक प्रोफेसर आराम से बैठा था।

उतरने की लाइन में लगे एक प्रोफेसर ने उसे शांत बैठे देख के पूछा कि आप बड़े शांत लग रहे। अपको नही लगता की टेस्टिंग फ्लाइट में बैठना... वो भी हाल में पास हुए स्टूडेंट की बनी हुई.. कुछ ज्यादा ही खतरनाक है.. इस पर अध्यापक ने बड़ा प्यारा मेसेज दिया की, "हो सकता है की ये जहाज उतना मजबूत न हो लेकिन ..मुझे अपने विद्यार्थियों पर पूरा भरोसा है। "... उसकी बात अधूरी छोड़ भाई साहब लाइन में आगे बढ़ गए..

प्रोफेसर ने बात पूरी की.... "कि अगर ये प्लेन सच में मेरे विधार्थियों ने बनाया है तो साला स्टार्ट भी नहीं होगा... उड़ना तो दूर की बात है.. बैठो आराम से"..😂😂

Thursday, November 30, 2023

आइंस्टीन........ motivational stories

आइंस्टीन के जो ड्राइवर थे, उन्होंने एक दिन आइंस्टीन से कहा- " सर,आप हर सभा में जो भाषण देते हैं, वह मैंने याद कर लिया है।'' 

-आइंस्टीन हैरान रह गये!

       फिर उन्होंने कहा, "ठीक है, मैं अगली बैठक में जहां जा रहा हूं, वे मुझे नहीं जानते, आप मेरे स्थान पर भाषण दीजिए और मैं ड्राइवर बनूंगा।"

 - ऐसे ही हुआ अगले दिन बैठक में ड्राइवर मंच पर चढ़ गई और ड्राइवर ने हूबहू आइंस्टीन की भाषण देने लगा....

    दर्शकों ने जमकर तालियां बजाईं.  फिर वे यह सोचकर गाड़ी के पास आए कि ड्राइवर आइंस्टीन है।

 - तभी एक प्रोफेसर ने ड्राइवर से पूछा, ''सर, रिश्तेदार ने क्या कहा, क्या आप एक बार फिर संक्षेप में बताएंगे?''

 - असली आइंस्टीन ने देखा बड़ा खतरा !!

    इस बार ड्राइवर पकड़ा जाएगा। लेकिन ड्राइवर का जवाब सुनकर वह हैरान रह गये....

     ड्राइवर ने उत्तर दिया.  -"क्या यह साधारण बात आपके दिमाग में नहीं आई? 

 मेरे ड्राइवर से पूछिए वह आपको समझाएंगे "
 नोट :  "यदि आप बुद्धिमान लोगों के साथ चलते हैं, तो आप भी बुद्धिमान बनेंगे और मूर्खों के साथ ही सदा उठेंगे-बैठेंगे तो आपका मानसिक तथा बुद्धिमता का स्तर और सोच भी उन्हीं की भांति हो जाएगी..!!

Sunday, November 12, 2023

यज्ञ कितना भी बड़ा या छोटा क्यों न किया जाए !! Motivational Stories

यमुनाई नदी (आज का मथुरा) के किनारे एक इलाके में एक छोटा सा बच्चा रहता था। क्योंकि उसके पास खेलने के लिए कोई दोस्त नहीं था, इसलिए उसने एक छोटे से पत्थर की पूजा की और उस ही पत्थर को अपना दोस्त बना लिया। मिट्टी को चन्दन समझकर टीका लगा दिया और उस मूर्ति को सुंदर मूर्ति समझकर निहारता रहता था। वह चरागाह क्षेत्र में पाए गए कुछ फूलों से पूजा करने का आनंद लेता था। क्योंकि भगवान को चढ़ाने के लिए उसके पास कुछ भी नहीं था इसलिए वह शिवलिंगम के लिए कई प्रकार की मिट्टी को फल के रूप में धारण करके और उन्हें फल के रूप में मानकर प्रसन्न था।उस बच्चे के द्वारा की गई पूजा प्रेमपूर्ण और आत्मीय  थी |

शिव भगवान ने कुबेरन, जिन्होंने एक मध्यम वर्ग के लड़के की इस पूजा को खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया, कुबेरन के चरित्र से इसकी राशि लेकर कलाकार को दे दी और जिस पत्थर की उन्होंने पूजा की, उसे एक मणि लिंग में बदल दिया। उनका घर समस्त ऐश्वर्य से भर गया था और रत्नमय दिखता था। वह लड़का चकित रह गया जब उसने देखा कि जिस शिव लिंग की पूजा की जा रही थी वह अचानक एक रत्न बन गया और उसके घर सहित सब कुछ धन से भर गया। तब भगवान शिव उसके सामने प्रकट हुए। जिस बालक ने तड़प-तड़प कर पूजा करने वाले भगवान शिव को सामने खड़े देखा, उसने कई बार प्रणाम किया और उनकी स्तुति की।

आपने बचपन में जो अच्छे कर्म किए हैं, उनके कारण आपका नाम श्रीकरण रखा जाएगा |  कहा कि यह हमारी शुभकामनाएं हैं और अंतरध्यान हो गए। उसके बाद, लड़का लंबे समय तक शिव पूजा करता रहा, सभी बूरे कर्मों से मुक्ति पाली और अंत में शिवलोगब प्राप्ति प्राप्त की

यज्ञ कितना भी बड़ा या छोटा क्यों न किया जाए, यह महत्वपूर्ण है कि हम किस उद्देश्य से प्रदर्शन करते हैं|